ये वचन सुनकर बलि के उनसे कहने लगे प्रभु वामन। ये वचन सुनकर बलि के उनसे कहने लगे प्रभु वामन।
मैत्रेय जी कहें जब बन्दीजनों ने बखान किया पृथु के गुणों का ! मैत्रेय जी कहें जब बन्दीजनों ने बखान किया पृथु के गुणों का !
मैत्रेय जी कहें, महाराज पृथु के होंठ क्रोध से कांप रहे थे ! मैत्रेय जी कहें, महाराज पृथु के होंठ क्रोध से कांप रहे थे !
अब मैं ही बकबक करती हूँ तुमसे क्या तुम गूंगे हो, चलो इशारे से ही बता दो। अब मैं ही बकबक करती हूँ तुमसे क्या तुम गूंगे हो, चलो इशारे से ही बता दो।
तू ठीक कहती बुद्धू हूँ मैं, मुझे कुछ भी नहीं आता। तू ठीक कहती बुद्धू हूँ मैं, मुझे कुछ भी नहीं आता।
इस दर्द को दर्द समझे बिना मरहम लगाया हर बार में चिल्लाई तभीआकर मुझे बचाया । इस दर्द को दर्द समझे बिना मरहम लगाया हर बार में चिल्लाई तभीआकर मुझे बचाया ।